जब तक

जब तक

जब तक आप खुद,
दुखी नही, होना चाहते है,
तब तक,कोई आपको
दुखी नही ,कर सकता है I

BK SHIVANI

इस तरह प्यार नहीं होता |

इस तरह प्यार नहीं होता |

दर्द हैं दिल में पर इसका ऐहसास नहीं,
होता,
रोता हैं दिल जब वो पास नहीं होता,
बरबाद हो गए हम उनकी मोहब्बत में,
और वो कहते हैं कि इस तरह प्यार नहीं,
होता |

ख्वाइश तो ना थी,

ख्वाइश तो ना थी,

ख्वाइश तो ना थी,
किसी से दिल
, लगाने की पर,
किस्मत में दर्द,
लिखा हो तो,
मोहब्बत कैसे ना,
होती |

मैं परवाना हूँ मुझे आग में जलने का शोक हैं ,

मैं परवाना हूँ मुझे आग में जलने का शोक हैं ,

मुझे आसमानो में उड़ने का शोक हैं,
परिंदो के बीच खेलने का शोक हैं,
अगर मुझे जानना हो तो जरा दूर से ही जानना,
मैं परवाना हूँ मुझे आग में जलने का शोक हैं |

ज़िन्दगी का रिश्ता,  बहुत ही गहरा हैं |

ज़िन्दगी का रिश्ता, बहुत ही गहरा हैं |

कैसे छिपाऊँ मैं मेरे,
दर्द को दिल का,
इस पर पहरा हैं,
दर्द और मेरी,
ज़िन्दगी का रिश्ता,
बहुत ही गहरा हैं |

 लम्हें कुछ टूटे,

लम्हें कुछ टूटे,

कुछ रूठे हुए,
लम्हें कुछ टूटे,
हुए रिश्ते,
हर कदम पर,
काँच बन कर,
जख्म देते है |

कदर क्या होती हैं प्यार,

कदर क्या होती हैं प्यार,

चले जायेंगे एक दिन तुझे,
तेरे हाल पर छोड़कर,
कदर क्या होती हैं प्यार,
की तुझे वक़्त ही सीखा,
देगा |

मुझे तलाश हैं एक रूह की,

मुझे तलाश हैं एक रूह की,

मुझे तलाश हैं एक रूह की,
जो मुझे दिल से प्यार करे,
वरना इंसान तो पेसो से भी,
मिल जाया करते हैं |

रुकावटें तो सिर्फ,

रुकावटें तो सिर्फ,

रुकावटें तो सिर्फ,
ज़िंदा इंसान के, लिए हैं,
मय्यत के लिए तो,
सब रास्ता छोड देते,
हैं |

ज़िन्दगी की हक़ीक़त,

ज़िन्दगी की हक़ीक़त,

ज़िन्दगी की हक़ीक़त,
बस इतनी सी हैं,
की इंसान पल भर में,
याद बन जाता हैं|

ज़िन्दगी की हक़ीक़त

ज़िन्दगी की हक़ीक़त

'ज़िन्दगी की हक़ीक़त,
बस इतनी सी हैं,
की इंसान पल भर में,
याद बन जाता हैं |

 बुरा वक़्त,

बुरा वक़्त,

कहते हैं बुरा वक़्त,
सबका आता हैं,
कोई निखर जाता हैं,
कोई बिखर जाता हैं।

दिल

दिल

किस्मत और दिल की आपस में कभी नहीं बनती,
क्यूंकि जो दिल में होता है वो कभी किस्मत में नहीं होता है.

मुहब्बत

मुहब्बत

मैं उसे सच्ची मुहब्बत करने लगा
उसके हाँ के इतजार में जीने लगा

अरमान

अरमान

किस से आगाज़ करे हम और किसको हम अंजाम कहे सब कुछ लूट लिया इस चाहत ने हमारा भला कैसे, अब हम इसको दिल-ऐ-अरमान कहे........

चाह

चाह

तेरी आँखों में सच्चाई की एक राह दिखाई देती है,
तू है मोहब्बत का दीवाना ऐसी चाह दिखाई देती है,
माना कि ठोकर खाई है जमाने में बेवफाओं से,
पर तू आशिक है तुझमें मोहब्बत की चाह दिखाई देती है।

मिलकर

मिलकर

तुमसे मिलकर महीनों के हिसाब पूछेंगे,
तेरे कंधे पे सर रखकर हम रोते-रोते भी हँस देंगे।